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Home >> टृंप किम शिखर- बर्फ पिघली, भावी रिश्तों के 'ऐतिहासिक रोडमेप' के क्रियान्वन पर अब निगाहे

टृंप किम शिखर- बर्फ पिघली, भावी रिश्तों के 'ऐतिहासिक रोडमेप' के क्रियान्वन पर अब निगाहे


admin ,Vniindia.com | Tuesday June 12, 2018, 02:33:00 | Visits: 708







सिंगापुर/नई दिल्ली,12 जून (शोभनाजैन/वीएनआई) अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के चेयरमेन किम जोंग के बीच आज  सिंगापुर मे हुई शिखर वार्ता बेहद सफल मानी जा रही है. पिछले सत्तर वर्षो से दुशमनी झेल रहे दोनो देशो के नेता आज उम्मीदो के माहौल मे आमने सामने बैठे और भविष के रिश्तो के रोड मेप के ऐतिहासिक समझौते  पर हस्ताक्षर किये. 



अब इस बात पर दुनिया भर की निगाहे है कि इस समझौते के आखिर मायने क्या है , इस समझौते का क्या दोनो ही पक्ष क्रियान्वन करेंगे जो न/न केवल दोनो के लिये ही अहम है बल्कि दुनिया को परमाणु युद्ध की विभीषका से बचाने के लिये बहुत ही अहम है, निश्चित तौर पर आशंकाएं अपनी जगह हैं लेकिन उम्मीदें भी कम नहीं हैं. परमाणु शति सम्पन्न अमरीका के साथ परमाणु हथियारों से लैस उत्तर कोरिया के बीच पिछले 18 महीने  से जिस तरह से शत्रुता चल रही थी,दोनो एक दूसरे को हमले की धमकी दे रहे थे ऐसे मे इस शिखर वार्ता की सफलता बेहद जरूरी रही.



दस्तावेज  मे टृंप ने जहा कोरिया की चिंताओं और सरोकारों के दृष्टिगत रखते हुए वहा  सुरक्षा गारंटी देने की वचनबद्धता जाहिर की जिसके मायने है कि अमरीका ने  कोरिया मे किम सरकर को अस्थिर नही करने  की गारंटी दी जबकि किम ने कोरिया प्रायद्वीप से पूरी तरह से परमाणु हथियार मुक्त करने की वचनबद्धता दोहराई. ्दोनो के इस संयुक्त बयान को  अंतर राष्ट्रीय जगत मे विशेष तौर पर कोरिया प्रायद्वीप  मे शांति और दक्षिण कोरिया,अमरीका, ्जापान  जैसे देशों की सुरक्षा के लिये काफी निर्णायक माना जा रहा है. यह जानना अहम है कि कोरिया के खास माने जाने वाला चीन इस शिखर वार्ता पर पैनीनजर टिकाये है क्योंकि वह नही चाहता कोरिया अमरीका की और झुके  अभी यह स्पष््ट नही है कि किम की इस  वचनबद्धता के कोरिया द्वारा अपने को  पूरी तरह से परमाणु हथियार मुक्त  किये जाने की अमरीकी मॉग किस हद तक पूरी हो सकेगी क्योंकि  उत्तर कोरिया  ्ने यह वचनबद्धता  अपने लिये ही नही बल्कि  पूरे कोरिया प्रायद्वीप के लिये कर डाली है. अभी इन बातो के खुलासे के लियेें इंतजार करना होगा. शिखर वार्ता काफी सफल  लेकिन बैठक  की सफलता  ट्रंप और  ्किम के बयानों से  समझी जा सकती है.टृंप ने कहा ''आज जो कुछ भी हुआ हम उससे बहुत गर्व महसूस करते हैं, उत्तर कोरिया और कोरियाई प्रायद्वीप के साथ हमारे जो पुराने रिश्ते थे उनमें एक बड़ा बदलाव आएगा.'' जबकि किम ने कहा, ''हमने अपना इतिहास पीछे छोड़ने का फ़ैसला लिया, दुनिया एक बड़ा बदलाव देखेगी''प्रतिनिधिमंडल की बैठक के बाद ट्रंप और किम पत्रकारों से बातचीत करते हुए ये टि्पणियॉ की.



व्हाइट हाउस ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच 38 मिनट तक बैठक चली.किम और ट्रंप लंच के बाद साथ बाहर आए और कुछ देर होटल के गार्डन में टहलते रहे. इस प्रेस वार्ता में ट्रंप ने कहा कि उनके और किम जोंग उन के बीच एक खास रिश्ता बन गया है. उन्होंने किम की तारीफ करते हुए कहा, ''वे बहुत ही  प्रतिभाशाली व्यक्ति हैं और इस वार्ता मे उन्होने जिस तरह से अपना पक्ष रखा मै उस से बहुत प्रभावित हूं, वे अपने देश को बहुत प्यार करते है.''

वहीं किम जोंग उन ने पत्रकारों से कहा कि दुनिया अब एक बड़ा बदलाव देखेगी. दोनों नेताओं ने समझौतों पर हस्ताक्षर किए और मुस्कुराते हुए हाथ मिलाए.डोनल्ड ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि मुलाक़ात बेहद शानदार है, जितना किसी ने भी सोचा होगा, उससे काफी हद तक बेहतर दिशा में हम लोग बढ़ रहे हैं. इससे पहले डोनल्ड ट्रंप और किम जोंग उन के बीच आपसी मुलाकात हुई. मुलाक़ात समाप्त होने के बाद किम ने ट्रंप से अंग्रेजी में कहा, ''नाइस टू मीट यू , मिस्टर प्रेज़ीडेंट'. 



सिंगापुर के सैंटोसा द्वीप में स्थित कैपेला होटल में हुई .आपसी मुलाक़ात के बाद जब किम और ट्रंप बाहर निकले और सफ़ेद रंग के गलियारे से गुजरने लगे तो पत्रकारों ने चलते-चलते उनसे कुछ सवाल भी पूछे. एक पत्रकार ने किम जोंग उन से दो बार पूछा, ''चेयरमैन, क्या आप परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए तैयार हैं?''एक अन्य पत्रकार ने भी किम से पूछा, ''मिस्टर किम, क्या आप अपने परमाणु हथियारों को नष्ट करेंगे? लेकिन उत्तर कोरियाई नेता ने इन सभी सवालों को नज़रअंदाज़ कर दिया. हालांकि तभी किम के साथ चल रहे अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि सभी चीज़ें बेहतरीन तरीके से चल रही हैं.पहले दोनो नेताओं ने अकेली मे सिर्फ दुभाषियों की मदद से बातचीत की बाद मे दोनो देशो के प्रतिनिधिमंडल भी वार्ता मे शामिल हुए.अमरीका की तरफ से इस बैठक में राष्ट्रपति ट्रंप के साथ विदेश मंत्री माइक पोम्पियो, व्हाइट हाउस के चीफ़ ऑफ स्टाफ जॉन कैली और सुरक्षा सलाहकार जॉन बॉल्टन  ने हिस्सा लिया. वहीं दूसरी तरफ उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के साथ उनके सबसे करीबी समझे जाने वाले किम योंग चोल मौजूद हैं, इसके अलावा विदेश मंत्री री योंग हो और पूर्व विदेश मंत्री री सु योंग मौजूद थे.



किम और ट्रंप के बीच हुई  अकेले मे यह मुलाक़ात होटल की लाइब्रेरी में हुई.इससे पहले दोनों नेता एक दूसरे की तरफ बढ़ते हुए आए और उन्होंने गर्मजोशी से हाथ मिलाया. उनके पीछे उत्तर कोरिया और अमरीका के झंडे लगे हुए थे. ट्रंप ने किम जोंग उन के कंधे पर हाथ रखा और फिर दोनों ने आपस में कुछ बात की. इसके बाद दोनों नेता थोड़ी देर के लिए मीडिया की तरफ मुखातिब हुए. बातचीत से पूर्व  डोनल्ड ट्रंप ने कहा, ''मैं बहुत ही अच्छा महसूस कर रहा हूं. हमारे बीच शानदार बातचीत होने वाली है और मुझे लगता है कि यह मुलाकात ज़बरदस्त रूप से कामयाब रहेगी. यह मेरे लिए बहुत ही सम्मानजनक है और मुझे इसमें कोई शक़ नहीं कि हमारे बीच बेहतरीन संबंध स्थापित होंगे.' वहीं किम जोंग उन ने कहा, 'यहां तक पहुंचना आसान नहीं था, हमारा इतिहास...और हमारे पूर्वाग्रह इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए रोढ़े बने हुए थे. लेकिन हम उन सभी को पार कर आज यहां मौजूद हैं. किम जोंग-उन से मुलाक़ात के ठीक पहले अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप ने एक ट्वीट किया, जिसमें इस बैठक को लेकर ख़ुद ट्रंप की आशंकाओं की झलक मिल रही थी. ट्रंप ने लिखा कि स्टाफ़ के सदस्यों और प्रतिनिधियों के बीच सबकुछ बहुत अच्छा रहा लेकिन ये बहुत मायने नहीं रखता. बहुत जल्द ये पता चल जाएगा कि इस मुलाक़ात में कोई असल समझौता हो पाता है या नहीं.



लेकिन निश्चित तौर पर पिछले सत्तर वर्ष से दुश्मनी झेल रहे दोनो देशो के लिये इस मुलाकात के बहुत मायने है,.टृंप अपने देश को  उत्तर कोरिया की लंबी दूरी तक मार करने वाले परमाणु  हथियार, परमाणु प्रक्षेपास्त्र की जद से बचाने के साथ साथ इस क्षेत्र मे चीन के दब दबे को कम करना ाहते है. दूसरी तरफ  किम दुनिया से अलग थलग पड़ जाने  खास तौर पर  अमरीकी आर्थिक प्रतिबंधो की वजह से ्देश की आर्थिक बदहाली को दूर करना चाहते है, साथ ही अमरीका द्वारा अपनी सरकार को अस्थिर करने की किसी तरह की साजिश नही करने कई गारंटी चाहते है साथ ही और एक हद तक चीन पर कोरिया की निर्भर्ता कम करना चाहते है.यहा यह जानना अहम है कि कोरिया के खास माने जाने वाला चीन इस शिखर वार्ता पर पैनीनजर टिकाये है क्योंकि वह नही चाहता कोरिया अमरीका की और झुके. दुनिया को भी इस शिखर के सकारात्मक ठोस नतीजे निकलने का इंतजार है. अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप इस मुलाक़ात को शांति कायम करने का "एक और मौका" मान रहे हैं वहीं दुनिया से अलग-थलग रहने वाले उत्तर कोरिया के लिए यह दुनिया से जुड़ने का एक सुनहरा मौक़ा है.



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