Severity: Notice
Message: Trying to access array offset on value of type null
Filename: views/view_news_details.php
Line Number: 3
Backtrace:
File: /home1/vniindia/public_html/application/modules/news/views/view_news_details.php
Line: 3
Function: _error_handler
File: /home1/vniindia/public_html/application/third_party/MX/Loader.php
Line: 351
Function: include
File: /home1/vniindia/public_html/application/third_party/MX/Loader.php
Line: 294
Function: _ci_load
File: /home1/vniindia/public_html/application/modules/news/controllers/News.php
Line: 165
Function: view
File: /home1/vniindia/public_html/index.php
Line: 300
Function: require_once
admin ,Vniindia.com | Saturday June 23, 2018, 03:23:00 | Visits: 603
नई दिल्ली, 23 जून, (शोभना जैन/वीएनआई) हिन्द महासागर की गोद में बसे 115 द्वीपों वाले खूबसूरत और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण अफ्रीकी देश सेशेल्स के राष्ट्रपति डेनी फोरे की भारत यारा ऐसे अहम् वक़्त हो रही है जबकि अपने सामरिक हितो की रक्षा में जुटे और इस क्षेत्र में चीन से निपटने की भारत की कोशिशों को मालद्वीप के बाद अब मित्र देश सेशेल्स ने भी झटका दिया है. भारत की अपनी पहली राजकीय यात्रा से ठीक पहले सेशेल्स के राष्ट्रपति ने भारत के साथ अपने देश में असम्पशन द्वीप में नौसेनिक अड्डा बनाने के करार को रद्द कर दिया है.
वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सेशेल्स यात्रा के दौरान भारत और सेशेल्स के बीच असम्पशन द्वीप में नौसेनिक अड्डा बनाने के लिए यह समझौता हुआ था. हाल ही में हिन्द महासागर में चीन की गतिविधियां बढ़ी है, वह इस इलाके में अपनी पैठ को मजबूत कर रहा है, जो निश्चित तौर पर चिंताजनक है. चीन ने पिछले वर्ष ही जिबूती में अफ्रीका में अपना पहला सैन्य अड्डा बनाया जो कि सबसे भारत नौवहन वाला समुद्री मार्ग माना जाता है, साथ ही सेशेल्स में भी वह अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है. जाहिर है यह भारत के लिए चिंता बढ़ाने वाला रहा, क्योकि चीन के इस कदम से क्षेत्र में चीन पैठ और बढ़ेगी. माना जा रहा था कि भारत द्वारा बनाये जाने वाले दोनों देश के इस संयुक्त नौसैन्य अड्डे से जहां सेशेल्स को नौसैन्य सहायता मिलेगी और उसकी समुद्री सीमा की गस्त बढ़ती, वहीं क्षेत्र में चीन की गतिविधियों पर एक हद तक अंकुश लग सकता था. अब देखना है की फॉरे की भारत यात्रा के दौरान यह मसला कैसे उठता है.
भारत दौरे से पहले गत चार जून को सेशल्स के राष्ट्रपति डेनी फॉरे अपना यहाँ नौसैनिक अड्डा बनाने के समझौते को रद्द करने की घोषणा की. फॉरे आज से छह दिन की भारत यात्रा पर है. यात्रा के पहले पड़ाव में वह आज गुजरात पहुंचे. आगामी 25-26 जून को वह नई दिल्ली में होंगे, जबकि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ शिष्टमंडल स्तर की वार्ता करेंगे. ऐसी उम्मीद है कि तब उभयपक्षीय सहयोग के मुद्दों व सहयोग बढ़ाने पर व्यापक चर्चा होगी, तब इस मुद्दे पर भी चर्चा होने की उम्मीद है, हालाँकि सेशल्स की तरफ से कहा गया है कि इस मुद्दे पर चर्चा नहीं होगी. लेकिन ऐसे में जब कि भारत के इस यात्रा में आपसी सहयोग बढ़ाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं किये जाने की अटकले है, इस मुद्दे पर चर्चा होना स्वाभाविक है. हालाँकि किसी ठोस सकारात्मक परिणाम की उम्मीद नहीं है. इस यात्रा से ठीक पहले संयुक्त सामरिक परियोजना को सेशेल्स द्वारा रद्द किये जाने के बावजूद भारत-सेशेल्स सामरिक संबंधो के लिए उस यात्रा को खासा माना जा रहा है. आंकड़ों के अनुसार भारत सेशेल्स को लगभग 60 प्रतिशत रक्षा उपकरण सप्लाई करता है. उसने उसे नौसैन्य जलपोत और डॉर्नियर विमान दिए है, सेशेल्स की समुद्री सीमा की गश्त बढ़ाने के लिए छह निगरानी राडार प्रणाली भी 2015 में उपहार में दी. बहरहाल. २०१५ में जबकि यह समझौता हुआ, इस संयुक्त नौसैन्य अड्डे को सामरिक सहयोग का अहम् कदम माना गया था. समझौते के अनुसार भारत द्वारा वित्त पोषित यह श्रेणी बेस दोनों देशो द्वारा साझा किये जाने का प्रावधान था.
दरअसल भारत और सेशेल्स के बीच इस नौसैनिक अड्डे को बनाने के समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद से वहां विपक्ष, जनता के साथ लेकर इसका विरोध करता रहा है. यहाँ यह बात भी अहम् है कि समझौते का प्रारूप लीक हुआ या लीक कर दिया गया, उसी के बाद से यह विरोध शुरू हुआ. इसी विवाद के चलते वहां अड्डे के निर्माण की गति धीमी ही रही है. वहां के विपक्षी दल इसके खिलाफ मोर्चा खोले हुए है. इस बारे में विपक्ष ने स्थानीय निवासियों को साथ ले लिया है. उनका मानना है कि सैन्य अड्डा बनाने से सेशेल्स के पर्यावरण को नुकसान पहुंचेगा. यह भी कहा गया कि इस क्षेत्र में भारत और चीन जैसी महाशक्तियों के बीच सेशेल्स के लोग घिरना नहीं चाहते है. इसी के चलते सेशेल्स की सरकार इस समझौते पर संसद की मंजूरी हासिल करने में विफल रही, जिसका नतीजा यह हुआ कि सेशेल्स को भारत के साथ नौसैनिक अड्डा बनाने के करार को रद्द करना पड़ा. खबरों के अनुसार फॉरे का कहना है कि चूँकि देश की नेशनल असेंबली में हमारे दल का बहुमत नहीं है, ऐसे में हमारे लिए इस करार को संसद में मंजूर करना कठिन है. साभार - लोकमत (लेखिका वीएनआई न्यूज़ की प्रधान संपादिका है)
Severity: Warning
Message: count(): Parameter must be an array or an object that implements Countable
Filename: views/view_news_main_comment.php
Line Number: 41
Backtrace:
File: /home1/vniindia/public_html/application/modules/news/views/view_news_main_comment.php
Line: 41
Function: _error_handler
File: /home1/vniindia/public_html/application/third_party/MX/Loader.php
Line: 351
Function: include
File: /home1/vniindia/public_html/application/third_party/MX/Loader.php
Line: 294
Function: _ci_load
File: /home1/vniindia/public_html/application/modules/news/views/view_news_details.php
Line: 137
Function: view
File: /home1/vniindia/public_html/application/third_party/MX/Loader.php
Line: 351
Function: include
File: /home1/vniindia/public_html/application/third_party/MX/Loader.php
Line: 294
Function: _ci_load
File: /home1/vniindia/public_html/application/modules/news/controllers/News.php
Line: 165
Function: view
File: /home1/vniindia/public_html/index.php
Line: 300
Function: require_once